"Geetaantar" " गीतान्तर"

गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह

Friday, March 31, 2023

तुमने जो आरती सजायी, मेरा मन हो गया कपूरी - कृष्ण मुरारी पहरिया

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 तुमने जो आरती सजायी, मेरा मन हो गया कपूरी इसी तरह से तय होती है, दुखते पल से सुख की दूरी  उस कोने में मूर्ति सजी है, श्याम विराजे बंसी लेकर...
Monday, December 19, 2022

कुंडली तो मिल गई है...... - इति शिवहरे औरय्या उत्तर प्रदेश

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 कुंडली तो मिल गई है, मन नहीं मिलता, पुरोहित ! क्या सफल परिणय रहेगा ? गुण मिले सब जोग वर से, गोत्र भी उत्तम चुना है | ठीक है कद, रंग भी मेरी...
Wednesday, December 14, 2022

धूप - सीमा अग्रवाल

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 सर्द ब्याही बिटिया के- जैसी आती है  सर्द सवेरे वाली धूप  हौले से दहलीज़ चूमती  सकुचाती शर्माती  फिर घर-आँगन कि पनियाई  आँखों को दुलराती  और ...
Tuesday, December 13, 2022

चल पड़ा तो इक नदी के ढाल सा जीवन - अभिषेक औदिच्य

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चल पड़ा तो इक नदी के ढाल सा जीवन. रुक गया तो सिर्फ मैले ताल सा जीवन .. साँस के चलते अनोखी दौड़ करते हम. हाँ, स्वयं के बिम्ब से ही होड़ करते हम....
Friday, October 28, 2022

हम निकल पाये न पिंजरे तोड़कर - विनोद श्रीवास्तव

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 हम निकल पाये न पिंजरे तोड़कर   बादलों ने फिर कहा  आओ चलें घर छोड़कर चाहकर भी हम  निकल पाये न पिंजरे तोड़कर आँख खुलते ही खड़ी मिलती  हजारों ख्वा...
Friday, May 22, 2020

आगे खुला सवेरा है - गीतकार प्रमोद तिवारी

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सच है बहुत अँधेरा है तूफानों ने घेरा है बीच राह का डेरा फिर भी साथी हिम्मत बांधो आगे खुला सवेरा है सीमाओं में बंधा-बंधा जल का तेवर स...

अक्षुण सेना - अनिल सिन्दूर

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मेरे पास नहीं है कोई अक्षुण सेना और, कोई धनुरधर पिता भी नहीं फिर भी मैं लडूंगा, करूँगा संघर्ष उन असीमित मिले अधिकारों से जो नहीं दे...
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अनिल सिन्दूर
मेरे पिता प्रोफे. राम स्वरुप 'सिन्दूर' हिंदी के समर्थ हस्ताक्षर थे उन्होंने रचनाधर्मिता की धारा की गति बनाये रखने को गीतान्तर पत्रिका का अनवरत प्रकाशन किया ! उन्हीं की सोच को गति देने को ब्लॉग "गीतान्तर" को शुरू किया,कहानी को सम्बेदना और स्वास्थ्य की पत्रिकारिता को HELTHनामा ब्लॉग को प्रारम्भ किया .
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