गौरैया
स्कूल गयी गई है गौरैया
अभी घर में पसरा है सन्नाटा
पौने तीन बजे होगी छुट्टी
तीन बजे तक लौटेगी गौरैया
आते ही फेकेगी अपने जूते
बरामदे में
और बस्ता ड्राइंगरूम में
(कभी इसका उलट
बस्ता बरामदे में
कैसा रहा स्कूल ? पूछेगी माँ
तिरछी नज़रों से देखेगी
अपनी माँ को
फिर झटकेगी अपने पंखों से
मरे हुए शब्दों की धूल
और मुस्करायेगी ...........
और फिर
चहक उठेगा पूरा घर
बस आती होगी गौरैया
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