"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Sunday, July 27, 2014
आज का सूरज है - सुलक्षणा दत्ता
आज का सूरज है
तेरे चेहरे की मुस्कान सा
कुछ भीगा कुछ अलसाया
रात रिमझिम से झमाझम थी
जब जब इंद्र मेहरबान हुवे
सतरंगी हुआ है जीवन .......!!!
आज मानस फ़लक पे
इन्द्रधनुष खिलखिलाया .......!!!
सावन ने पहली बार असर दिखाया!!!
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