"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Monday, July 14, 2014
सोचें और विचारें हम ! - शशि कान्त पाठक
सोचें और विचारें हम !
खुद में जरा निहारें हम !!
क्षमता जो है छिपी हुई !
उसको जरा उबारें हम !!
कमियों की पहचान करें !
झट से उन्हें सुधारे हम !!
अहम चढ़े यदि सर पे तो !
फट से उन्हें उतारे हम !!
अमन चैन भर कर दिल में !
सुन्दर वक़्त गुजारे हम !!
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