"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Sunday, August 10, 2014
मैंने सीखा है अपनी माँ से सहना - अनिल सिन्दूर
मित्र,
मैंने सीखा है अपनी माँ से
सहना
ये सहना अब असहनीय क्यों
शायद
नहीं बदल पाया मैं समयानुसार !
और बदल भी नहीं सकता
क्यों कि,
आदतें बदला नहीं करती
सहन शक्ति को ही बनाना होगा
हथियार
जुर्म का !
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment