कुछ भी नहीं था मेरे पास
मेरे हाथ में न कोई हथियार था
न देह पर कवच
बचने की कोई सूरत नहीं थी !
एक मामूली आदमी की तरह
चक्रव्यूह में फँसकर
मैंने प्रहार नहीं किया
सिर्फ चोटें सही
लेकिन हँसकर !
अब मेरे कोमल व्यक्तित्व को
प्रहारों ने कड़ा कर दिया है !
मेरे हाथ में न कोई हथियार था
न देह पर कवच
बचने की कोई सूरत नहीं थी !
एक मामूली आदमी की तरह
चक्रव्यूह में फँसकर
मैंने प्रहार नहीं किया
सिर्फ चोटें सही
लेकिन हँसकर !
अब मेरे कोमल व्यक्तित्व को
प्रहारों ने कड़ा कर दिया है !
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