मन रे , जेई रेनू बिटिया
घुसी रसोई में पानी से
काढ रही है चिटियाँ
दूध उबल कर खूब पक गया
लेकिन कहाँ मलाई
इससे पूंछो तो कहती है
एक बिलोरी आयी
इसकी कौन बिलारी लगती
फिर क्यों नहीं भगाया
उत्तर में इसने बस केवल
ला-रे-लप्पा गाया
अधिक कहो तो मुह पर मारे
उठा-उठाकर गिटिया
इतनी है शैतान कि इससे
कोई बात न करता
नीलम और सुशीला कोई
इस पार हाथ न धरता
खुद ही उनको कहती फिरती
अपनी भली सहेली
सच्ची बात छिपाये बैठी
करती है मुँहठेली
रत्नम , रिचा मांगते रोटी
यह बांचे है चिठिया
घुसी रसोई में पानी से
काढ रही है चिटियाँ
दूध उबल कर खूब पक गया
लेकिन कहाँ मलाई
इससे पूंछो तो कहती है
एक बिलोरी आयी
इसकी कौन बिलारी लगती
फिर क्यों नहीं भगाया
उत्तर में इसने बस केवल
ला-रे-लप्पा गाया
अधिक कहो तो मुह पर मारे
उठा-उठाकर गिटिया
इतनी है शैतान कि इससे
कोई बात न करता
नीलम और सुशीला कोई
इस पार हाथ न धरता
खुद ही उनको कहती फिरती
अपनी भली सहेली
सच्ची बात छिपाये बैठी
करती है मुँहठेली
रत्नम , रिचा मांगते रोटी
यह बांचे है चिठिया
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