"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Thursday, September 4, 2014
दो रचनायें प्रो.शरद नारायण खरे की ............
फर्ज़
---
नेताजी
जनकल्याण
निभा
रहे हैं
जन
की गणना
में
सबसे पहले
ख़ुद को
पा
रहे हैं ।।
बहुत ख़ूब
-------
वे
ऊपरी कमाई
को
हाथ भी
नहीं
लगाते हैं
इसलिए
उनके मातहत
अटैची में
भरकर
लाते हैं ।।
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