वो बंद कर लेना चाहता है - अनिल सिन्दूर
वो बंद कर लेना चाहता है
दरवाजे
और बैठना चाहता है
ख़ामोश
सुनने को अनकही आवाज़े
जो गूंजती रहती हैं
वे-आवाज़ बेहद करीब
वो बंद कर लेना चाहता है
कपाट
करना चाहता है अट्टहास
और हो जाना चाहता है शांत
बेहद शांत
सुनने को अनकही अन्दर की
आवाज़
अच्छी कविता ।संप्रेषणीय ।
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