यूं तो मनीषा के परिचय में काफी चीजें कही जा सकती हैं। वो पेशे से
पत्रकार हैं, राइटर हैं, ब्लॉगर हैं, फेसबुक पर स्त्रियों की उभरती हुई
सशक्त आवाज हैं, लेकिन इन सबसे ज्यादा और सबसे पहले वह एक आजाद, बेखौफ
सपने देखने वाली स्त्री हैं। रोजी-रोटी के लिए पत्रकारिता करती हैं, लेकिन
बाकी वक्त खूब किताबें पढ़ती हैं, घूमती हैं, फोटोग्राफी करती हैं और
जीती हैं। उनकी जिंदगी एक सिंगल और इंडीपेंडेंट औरत का सफर है, जिसने
इलाहाबाद, मुंबई और दिल्ली समेत देश के कई शहरों की खाक छानी है। मनीषा
पूरी दुनिया की सैर करना चाहती हैं। मनीषा का परिचय इन दो शब्दों के गिर्द
घूमता है - आजाद घुमक्कड़ी और बेखौफ लेखन।
रेशम के दुपट्टे में टांकती है सितारा
देह मल-मल के नहाती है
करीने से सजाती हैं बाल
आँख में काजल लगाती हैं
प्यार में डूबी हुई लड़कियां ......
मन ही मन मुस्कराती हैं अकेले में
बात बेबात चह्कती
आईने में निहारती छातियाँ को
कनखियों से
खुद ही शरमाकर नजरें फिराती हैं
प्यार में डूबी हुई लड़कियां ......
डाकिये का करती इंतजार
मन ही मन लिखती हैं जबाब
आने वाले ख़त का
पिछले दफे मिले एक चुम्बन की स्मृति
हीरे की तरह सजोती है अपने भीतर
प्यार में डूबी हुई लड़कियां ......
प्यार में डूबी हुई ये लड़कियां
नदी हो जाती हैं
और पतंग भी
कल कल करती बहती हैं
नाप लेती हैं सारा आसमान
किसी रस्सी से नहीं बंधती
प्यार में डूबी हुई लड़कियां ......
प्यार में डूबी हुई लडकियां ...... जबरदस्त अभिव्यक्ति
ReplyDelete