नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
भारत माँ के यशोगान का सब मिलकर गुणगान करेंगे !!
मानव-मानव सभी एक हैं , किन्तु सभी की राह अलग है !
जीवन का उत्कर्ष कराने की सब में बस चाह एक है !
मात्र-भूमि को देव-भूमि में परिवर्तन की चाह एक है !
देव-संस्कृति के पालन हित हम सब मिल अनुदान करेंगे !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
एक राग है , एक रंग है , एक गीत की ताल एक है !
भारत माता जग विख्याता , उसकी आसन वही एक है !
हम सब शोणित बहां चुके हैं , बंधन काटे , मुक्त किया है !
गुरु-पद का सिंहासन पाने को उद्यत हैं , संज्ञान करेंगें !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
दुनिया की यह रीति नयी है , व्यक्ति-व्यक्ति की चाह यही है !
भारत होवे जग विख्याता , दुनिया के कष्टों का त्राता !
नहीं किसी से दबे हुए हैं , नहीं किसे से डरे हुए हैं !
नहीं किसी को दुःख दिया है , नहीं किसी का हरण करेंगें !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
राम-कृष्ण की जन्म भूमि यह , हम सब की ये पावन धरती !
यहाँ कृष्ण ने गीता गाई , और राम ने अलख जगाई !
कर्तव्यों को पूरा करने , मर्यादा रख खूब निभाई !
ध्येय निष्ठ हैं , कर्म करेंगे , झंझाओं को दूर करेंगे !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
भारत माँ के यशोगान का सब मिलकर गुणगान करेंगे !!
भारत माँ के यशोगान का सब मिलकर गुणगान करेंगे !!
मानव-मानव सभी एक हैं , किन्तु सभी की राह अलग है !
जीवन का उत्कर्ष कराने की सब में बस चाह एक है !
मात्र-भूमि को देव-भूमि में परिवर्तन की चाह एक है !
देव-संस्कृति के पालन हित हम सब मिल अनुदान करेंगे !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
एक राग है , एक रंग है , एक गीत की ताल एक है !
भारत माता जग विख्याता , उसकी आसन वही एक है !
हम सब शोणित बहां चुके हैं , बंधन काटे , मुक्त किया है !
गुरु-पद का सिंहासन पाने को उद्यत हैं , संज्ञान करेंगें !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
दुनिया की यह रीति नयी है , व्यक्ति-व्यक्ति की चाह यही है !
भारत होवे जग विख्याता , दुनिया के कष्टों का त्राता !
नहीं किसी से दबे हुए हैं , नहीं किसे से डरे हुए हैं !
नहीं किसी को दुःख दिया है , नहीं किसी का हरण करेंगें !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
राम-कृष्ण की जन्म भूमि यह , हम सब की ये पावन धरती !
यहाँ कृष्ण ने गीता गाई , और राम ने अलख जगाई !
कर्तव्यों को पूरा करने , मर्यादा रख खूब निभाई !
ध्येय निष्ठ हैं , कर्म करेंगे , झंझाओं को दूर करेंगे !
नव युग का निर्माण करेंगे , ज्योतिर्मय संधान करेंगे !
भारत माँ के यशोगान का सब मिलकर गुणगान करेंगे !!
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