"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Monday, September 8, 2014
कभी बरगद के नीचे उगना मत - मोहन कुमार नागर
कभी बरगद के नीचे
उगना मत
उगे तो जूझना
हारना मत
उतार देना
गहराई तक जड़ें
छोड़ना मत
अपने हिस्से का जीवन रस
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