"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Monday, September 8, 2014
पानी को सिलती रहतीं हैं मछलियाँ - हेमंत देवलेकर
पानी को सिलती रहतीं हैं मछलियाँ
इसलिए पानी कभी नहीं उघड़ता या
फटता नहीं
और मछलियों को पता नहीं चलता
कि वे कब धागे बन गयीं हैं
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment