"गाँधी" तुम्हारा अहिंसा का पाठ
कृष्ण अगर मानते - तो
महाभारत ही न हो पाता,
और धर्म पर अधर्म की
विजय हो जाती .............
"गाँधी" तुम्हारी अहिंसा की बात पर
राम अगर चलते - तो
युद्ध रोककर
सीता - रावण को ही सौंप कर
तसल्ली कर लेते .................
"गाँधी" तुम्हारी ग़लतफ़हमी है - कि
तुम्हारा अहिंसा का पाठ
दुनियां में पढ़ा जा रहा है
गाँधी सच तो ये है कि
तुम्हारा अहिंसा का प्रचार
सिर्फ वे लोग कर रहे हैं
जिन्हें खौफ है कि
भूखी-खूंख्वार भीड़
अपने हक़ के लिए कहीं एक दिन
उनकी देह पर आक्रमण न कर दें ...........
कृष्ण अगर मानते - तो
महाभारत ही न हो पाता,
और धर्म पर अधर्म की
विजय हो जाती .............
"गाँधी" तुम्हारी अहिंसा की बात पर
राम अगर चलते - तो
युद्ध रोककर
सीता - रावण को ही सौंप कर
तसल्ली कर लेते .................
"गाँधी" तुम्हारी ग़लतफ़हमी है - कि
तुम्हारा अहिंसा का पाठ
दुनियां में पढ़ा जा रहा है
गाँधी सच तो ये है कि
तुम्हारा अहिंसा का प्रचार
सिर्फ वे लोग कर रहे हैं
जिन्हें खौफ है कि
भूखी-खूंख्वार भीड़
अपने हक़ के लिए कहीं एक दिन
उनकी देह पर आक्रमण न कर दें ...........
अहिंसा एक खौफ है जो शक्तिशाली दरिंदों के लिए है ..........कमाल है भाई
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