तुम आये तो सावन आया , गये उठा तूफ़ान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
कुछ कहना हो , कुछ कह जाँऊ ,
दिन-दिन-भर घर में रह जाँऊ ,
ताज महल जैसा लगता है कलई पुता मकान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
दर्पण देखूं , देख न पाऊँ ,
अर्थहीन गीतों को गाऊँ ,
सूरज डूबे ही पड़ जाऊँ , सर से चादर तान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
सोते में चौकूँ , डर जाऊँ ,
साँस चले , लेकिन मर जाऊँ ,
सिरहाने रखने खोजूँ , आधी रात कृपान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
मुश्किल से हो कहीं सबेरा ,
चैन तनिक पाये जी मेरा ,
जैसे-जैसे धूप चढ़े , होता जाऊँ नादान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
कुछ कहना हो , कुछ कह जाँऊ ,
दिन-दिन-भर घर में रह जाँऊ ,
ताज महल जैसा लगता है कलई पुता मकान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
दर्पण देखूं , देख न पाऊँ ,
अर्थहीन गीतों को गाऊँ ,
सूरज डूबे ही पड़ जाऊँ , सर से चादर तान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
सोते में चौकूँ , डर जाऊँ ,
साँस चले , लेकिन मर जाऊँ ,
सिरहाने रखने खोजूँ , आधी रात कृपान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
मुश्किल से हो कहीं सबेरा ,
चैन तनिक पाये जी मेरा ,
जैसे-जैसे धूप चढ़े , होता जाऊँ नादान !
जल में तैरे रेगिस्तान !
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