Saturday, October 4, 2014

मुझमे तो खैर हिम्मत है हर दर्द सहने की ! - शशि जैन

मुझमे तो खैर हिम्मत है हर दर्द सहने की !
तुम इतने गम देते हो ..थक नहीं जाते !!

कोई रिश्ता ना होता तो तुम खफा क्यूँ होते !
ये बेरुखी तुम्हारी मोहब्बत का पता देती है !!

मेरी तन्हाई को ज़रूरत है तुम्हारी बहुत !
अगर इज़ाज़त हो तो यादों में बसा लूं तुमको !!

आज और कुछ नहीं बस तुम इतना सुन लो !
अगर मैं हूँ तनहा तो वजह तुम हो !!

क्यों शर्मिंदा करते हो हमारा हाल पूछ कर !
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है !!

काश इस बार पलट जाये बाज़ी सारी !
तुम्हे तलब हो मेरी और मैं बेवफा हो जाऊं !!

तुम्हे याद ना करूँ तो थम सी जाती हैं साँसे !
ज़िन्दगी सांसो से है या तुम्हारी यादो से !!

No comments:

Post a Comment