माँ
सख्त चट्टानों सी
जिन्दगी के बीच
झांकती हुई
नर्म धूप सी
ठिठुरती - काँपती
बेरहम सर्दियों में
कटोरी भर धूप सी
घने काले
बादलों में से
झांकती - मुस्कराती
किसी किरण सी
ऐसी ही हो तुम
तुम हो
तो लगता है
जिन्दा हैं उम्मीदें
जिन्दा है ईश्वर
सख्त चट्टानों सी
जिन्दगी के बीच
झांकती हुई
नर्म धूप सी
ठिठुरती - काँपती
बेरहम सर्दियों में
कटोरी भर धूप सी
घने काले
बादलों में से
झांकती - मुस्कराती
किसी किरण सी
ऐसी ही हो तुम
तुम हो
तो लगता है
जिन्दा हैं उम्मीदें
जिन्दा है ईश्वर
No comments:
Post a Comment