"Geetaantar" " गीतान्तर"
गीत-ग़ज़ल का अनूठा संग्रह
Monday, December 1, 2014
तू ही नही , डरता है सूरज भी - अनिल सिन्दूर
तू ही नही,
डरता है सूरज भी
अँधेरों से,
समय आता है जैसे ही
अँधेरों का
'वो' कहीं
दूर छिप कर बैठ
करता है इंतजार
अपने समय का,
करना होगा तुझे भी
इंतजार
उस समय का !
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