जीवन में चलता रहता है युद्ध - अनिल सिन्दूर
मित्र,
जीवन में
चलता रहता है युद्ध
भीतर भी, बाहर भी
बाहर चल रहे युद्ध को
परास्त करना कहीं सरल है
भीतर के युद्ध से
फिर भी
हमें भीतर चल रहे
युद्ध को परास्त करना होगा, पहले
क्यों कि, भीतर का युद्ध करता है
लड़ने की क्षमता को कम
बाहर के युद्ध से
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