Saturday, June 7, 2014

तुम जरा सा अगर जो कभी हौसला देते - मंजु अग्निहोत्री

तुम जरा सा अगर जो कभी हौसला देते ,
तो सनम हम तेरे इश्क़ में जाँ लुटा देते !

तुम बिना किस कदर हूँ अधूरी कभी देखो
दिल-नशीं शबनमीं को खता तो बता देते !

आसमाँ से सभी चाँद तारे उतर के अब ,
रात दिन बस तेरी याद का वास्ता देते !

अश्क़ को तुम मेरे गर ज़रा आसरा देते ,
ज़िन्दग़ी के सभी ग़म हम कब के भुला देते !

बेवफ़ाई के आग़ोश में तुम न जो होते ,
हम तेरे ख़्वाब को भी हक़ीक़त बना देते !
 

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