तुम जरा सा अगर जो कभी हौसला देते ,
तो सनम हम तेरे इश्क़ में जाँ लुटा देते !
तुम बिना किस कदर हूँ अधूरी कभी देखो
दिल-नशीं शबनमीं को खता तो बता देते !
आसमाँ से सभी चाँद तारे उतर के अब ,
रात दिन बस तेरी याद का वास्ता देते !
अश्क़ को तुम मेरे गर ज़रा आसरा देते ,
ज़िन्दग़ी के सभी ग़म हम कब के भुला देते !
बेवफ़ाई के आग़ोश में तुम न जो होते ,
हम तेरे ख़्वाब को भी हक़ीक़त बना देते !
तो सनम हम तेरे इश्क़ में जाँ लुटा देते !
तुम बिना किस कदर हूँ अधूरी कभी देखो
दिल-नशीं शबनमीं को खता तो बता देते !
आसमाँ से सभी चाँद तारे उतर के अब ,
रात दिन बस तेरी याद का वास्ता देते !
अश्क़ को तुम मेरे गर ज़रा आसरा देते ,
ज़िन्दग़ी के सभी ग़म हम कब के भुला देते !
बेवफ़ाई के आग़ोश में तुम न जो होते ,
हम तेरे ख़्वाब को भी हक़ीक़त बना देते !
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