आईना देख कर हैरत से भर गया होगा ,
बेखुदी में अब हद से वो गुज़र गया होगा !
चीखने की सदा फिर से कहीं आई देखो
अपने को देख कर वो ख़ुदी डर गया होगा !
आज जिस शख़्श के मरने की है खबर, शायद ,
वो किसी की निगाहों से फिर उतर गया होगा !
अब मेरा दिल तेरा जिक्र बिलकुल नहीं करता ,
कल गमीं में रहा इस लिए कर गया होगा !
उस तरफ देखता था बड़ी हसरतों से वो ,
अश्क भर कर वो तन्हाँ अभी घर गया होगा !
जब तजुर्बा हुआ बात तब ही समझ आई
ख्वाब उसका कभी टूट कर बिखर गया होगा !
बेखुदी में अब हद से वो गुज़र गया होगा !
चीखने की सदा फिर से कहीं आई देखो
अपने को देख कर वो ख़ुदी डर गया होगा !
आज जिस शख़्श के मरने की है खबर, शायद ,
वो किसी की निगाहों से फिर उतर गया होगा !
अब मेरा दिल तेरा जिक्र बिलकुल नहीं करता ,
कल गमीं में रहा इस लिए कर गया होगा !
उस तरफ देखता था बड़ी हसरतों से वो ,
अश्क भर कर वो तन्हाँ अभी घर गया होगा !
जब तजुर्बा हुआ बात तब ही समझ आई
ख्वाब उसका कभी टूट कर बिखर गया होगा !
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