मन, तुम सबसे भले अकेले
भीड़-भड़क्का में जाओगे
बारम्बार धकेले
सारी दुनिया भाग रही है
रंग मंच के पीछे
दौड़ रहे रथ और सारथी
दोनों आँखें मींचे
अपना और पराया कोई
नहीं देख कर चलता
राव सभी महफ़िल तक पहुंचे
रंक रहे कर मलता
गिरे अगर तो तुम्हें कुचलते
चले जायेंगे रेले
टिटरी-टू काया ले बैठे
उखड़ी-उखड़ी साँसें
जिनको तुम समझे हो अपना
उनके मन में गाँसे
साथ तुम्हारे सिर्फ तुम्हीं हो
जी लो चाहे मर लो
अपनी ही आहों का गायन
अपने जी में भर लो
लगने दो यदि कहीं लगे हों
सुर-संगम के मेले
भीड़-भड़क्का में जाओगे
बारम्बार धकेले
सारी दुनिया भाग रही है
रंग मंच के पीछे
दौड़ रहे रथ और सारथी
दोनों आँखें मींचे
अपना और पराया कोई
नहीं देख कर चलता
राव सभी महफ़िल तक पहुंचे
रंक रहे कर मलता
गिरे अगर तो तुम्हें कुचलते
चले जायेंगे रेले
टिटरी-टू काया ले बैठे
उखड़ी-उखड़ी साँसें
जिनको तुम समझे हो अपना
उनके मन में गाँसे
साथ तुम्हारे सिर्फ तुम्हीं हो
जी लो चाहे मर लो
अपनी ही आहों का गायन
अपने जी में भर लो
लगने दो यदि कहीं लगे हों
सुर-संगम के मेले
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