Friday, May 22, 2020

आगे खुला सवेरा है - गीतकार प्रमोद तिवारी

सच है बहुत अँधेरा है
तूफानों ने घेरा है
बीच राह का डेरा
फिर भी साथी हिम्मत बांधो
आगे खुला सवेरा है

सीमाओं में बंधा-बंधा
जल का तेवर सधा-सधा
चाहे जितना तेज बहे
पर निर्झर सा कहाँ बजा
माना सागर ठहरा है
युगों-युगों से ठहरा है
सीमाओं का पहरा है
फिर भी साथी हिम्मत बांधो
आगे खुला सबेरा है 

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