Saturday, March 28, 2020

प्रतिनिधि हो गई हूँ अपने वंश की - रेनू चन्द्रा

कहीं गये नहीं बाबा मेरे
शामिल हो गये मेरे अस्तित्व में
रुढियों की खिलाफ़त बनकर

खोया नहीं था मैंने माँ को
वह मुझमें ही समा गयी थी
स्नेह बनकर

खोया नहीं था मैंने बहन को
वह मेरे साथ ही रहने लगी
मेरे बचपना बन कर
खोया नहीं मैंने सासू माँ को
वह मुझमें झलकने लगी
उपदेश और कहावतों की शक्ल में

खोया नहीं मेरा प्यारा देवर भी
वह एकात्म हो गया मेरे साथ
दबंगी की सूरत में

खोए नहीं मेरे पिताजी
वो मेरे साथ रहने लगे हैं मुझमें
अनुशासन बन कर
मैं, सिर्फ़ मैं ही नहीं रही
प्रतिनिधि हो गई हूँ
अपने वंश की 

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