Friday, July 11, 2014

उसकी यादों से हमें कौन रिहाई देगा - " मंजु अग्नि "

उसकी यादों से हमें कौन रिहाई देगा ,
सामने ना हो मेरे फिर भी दिखाई देगा !

क्या कहें, किससे कहें और कहें क्यों आखिर ,
झूठ बोलेगा वही और सफ़ाई देगा !

ग़म ये दुनिया को बताएं तो बताएं कैसे
दर्द ये जिसने दिया वो ही दवाई देगा !

हमको मालूम है गमगीन यहाँ सारे हैं
देखना कौन भला गम को विदाई देगा !

शोर भी गम के समन्दर में अभी इतना है
मुस्कुरायें या हंसें दर्द सुनाई देगा !

मैंने जिस शख्स़ को अब तक है छुपाया सबसे
मेरे हर शेर में अब वो ही दिखाई देगा !

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