Sunday, July 27, 2014

अच्छा लगता है बच्चों को खिलखिलाते देखना - रवि कुमार

अच्छा लगता है
बच्चों को खिलखिलाते देखना
समन्दर को किनारों पर चढ़ते
चांद को बादलों के साथ के साथ
अठखेलियां करते देखना अच्छा लगता है
जब कोई कौंपल फूटती है
खिलती है कोई कली
जब सूर्य आंखें खोलता है
इठलाती किरणों के साथ
अच्छा लगता है
ज़मीन के ज़र्रे ज़र्रे का
जीवन की आभा से दमक उठना
ज़िंदगी को
जूझते और मुस्कुराते देखना
अच्छा लगता है
अच्छा नहीं लगता
किसी सितारे का टूटना
टूटना किसी आशा का
किसी फूल की पंखुरियों का बिखरना
बिखरना किन्हीं सपनों का
अच्छा नहीं लगता
भाई मेरे !
सूरज को डूबते देखना
कोई सुंदर दृश्य नहीं हो सकता
आल्हादित नहीं कर सकता हमें
एक दरख़्त को गिरते देखना

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