Sunday, August 10, 2014

मैंने सीखा है अपनी माँ से सहना - अनिल सिन्दूर

मित्र,
मैंने सीखा है अपनी माँ से
सहना
ये सहना अब असहनीय क्यों
शायद
नहीं बदल पाया मैं समयानुसार !
और बदल भी नहीं सकता
क्यों कि,
आदतें बदला नहीं करती
सहन शक्ति को ही बनाना होगा
हथियार
जुर्म का ! 

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