मेरे न रहने पर आये मेरे सारे परिचित वो भी आये जो कभी नहीं आये थे मुझे पूछने मेरे घर जब में ज़िंदा था दुखी लग रहे थे
सब दोस्त ,दुश्मन मेरे न रहने पर उन सब का प्यार देख भूल गया मैं अपनी मृत्यु और खो गया उस प्यार की धुंध में कभी फिर इस कोहरे से बाहिर न निकलने के लिए .................
बेजोड़ भाव.....
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