Thursday, March 5, 2015

जंगली फूलों सी लड़की - अनुलता राज नायर

जंगली फूलों सी लड़की
मुझे तेरी खुशबू बेहद पसंद है
उसने कहा था...
"मुझे तेरा कोलोन ज़रा नहीं भाता"
बनावटी खुशबु वाले उस लड़के से
बात करती लडकी ने
मन ही मन सोचा....
लड़का प्रेम में था
उस महुए के फूल जैसी लडकी के |
वो उसे पी जाना चाहता था शराब की तरह
लडकी को इनकार था
खुद के सड़ जाने से....
लड़का उसे चुन कर
हथेली में समेट लेना चाहता था
हुंह.....वो छुअन!
लड़की सहेजना चाहती थी
अपने चम्पई रंग को.
लड़का मुस्कुराता उसकी हर बात पर,
लड़की खोजती रही
एक वजह -
उसके यूँ बेवजह मुस्कुराने की....

1 comment:

  1. यह तो अनु ही हो सकतीं हैं मंगलकामनाएं !! .....

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