Friday, March 27, 2015

ये मेरी नई मां है - अनीता जैन कोटा (राजस्थान )

ये मेरी नई मां है
जाने क्या हुआ होगा उन दोनों में
जाने क्या सोचा होगा लोगों ने
पर शायद न सोचा
क्या भोगा होगा बच्चो ने
कुछ बातें कुछ वादे न निभे होंगे
दिल न मिले होंगे दोनों के
या वफ़ा बेवफ़ा के किस्से होंगे
पर शायद न सोचा
घायल होंगे दिल बच्चो के
इतने बसंत पतझड़ देखे होंगे दोनों ने
सुख - दुख बान्टे होंगे दोनों ने
मिलजुल रंग भरे होंगे जीवन में
पर शायद ये न सोचा
बच्चेकैसे विश्वास करेंगे रिश्तों पे
छोडा हाथ इक दुजे ने
अलग हो गए इक दुजे से
हसिं पल हो गए ज़हरीले से
पर शायद न सोचा
पूछ रहे कुछ ,बच्चे सूने नैनों से
दर्द मेरे सीने में भर गई
वो मासूम खाली अपनी आंखों से
बिन बोले व्यथा कह गई
सीने से मेरे लग के
क्या सोचा न पापा ने
नई मां लाने से पहले.......,..
क्या सोचा न.....,

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