Saturday, March 28, 2015

रिश्तों के अंतिम बिंदु पर - वीरू सोनकर , कानपूर

रिश्तों के अंतिम बिंदु पर,
जहाँ,
तुमने कहा था
अब हमारे रास्ते अलग है !

चाहता हूँ
वहीँ कुछ देर रुकना,
तुम्हे जी भर कर सोचना,
सड़क के उसी प्रस्थान बिंदु पर
सड़क के उसी मोड़ पर,
चाहता हूँ
तुम्हारे हो सकने के सभी यकीनो का
वहीँ पिंडदान करना,
चाहता हूँ
तुम्हारी अंतिम इच्छा को पूर्णरूप से पूर्ण करना,
उसी मोड़ से
तुम्हारे और अपने रास्ते अलग करना !

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