Saturday, March 21, 2015

मैं इस महान पुण्य भूमि में - डॉ. अब्दुल कलाम

मैं इस महान पुण्य भूमि में
खोदा गया एक कुआँ
देखूं अनगिनत बच्चे
खींचते पानी , मुझमें जो भरा
कृपा का उस परवरदिगार की
और सींचते फूल, पौधे, फसलें
नया दौर
नयी नस्लें
दूर-दूर तक नियामत
मेरे खुदा की .

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