Saturday, September 13, 2014

मान लो, दुनिया के सभी खुदाओं भगवानों, मसीहाओ - वीरू सोनकर

मान लो,
दुनिया के सभी खुदाओं
भगवानों, मसीहाओ
अगर !
मरी हुई माँ के सिरहाने एक बच्चा दूध को रोता हैं
अगर , किसी घर का
इकलौता कमाने वाला दूर देश में गुमनाम मौत मरता हैं
अगर, एक मंदिर के बाहर
तुम्हे बुलाने को कोई अपना सर पटकता हैं

और तुम नहीं आते प्रभु !
अगर, एक मुस्लिम औरत
किसी दुपहर को चिल्ला देती हैं
ऒफ़्फ़ खुदाया !
गर ये नकाब ही नसीब था तो ये मेरे साथ ही पैदा क्यों नहीं किया !
और तुम चुप ही रहते हो
तो मान लो...
तुम नहीं हो
कहीं भी नहीं हो
अगर, तुम्हारे मंदिर के बाहर रोज झाड़ू लगाता बुढा,
रात को पीने के बाद बडबडाता हैं
मेरे दादा
मेरे पिता और मैं
और अब मेरा बेटा भी !
ये कहाँ फसाया हैं प्रभु !
अगर यही नसीब था
तो जात माथे पे लिख भेजते प्रभु !!
बूढ़ा रोता हैं और तुम मंदिर में ही बने रहते हो प्रभु !
मान भी लो !
तुम हमेशा से सिर्फ एक झूठ ही हो...
दुनिया का सच यही हैं
यहाँ हमेशा से बस दो ही धर्म थे, है, और रहेंगे,
मालिक और मजूर
दबंग और शोषित
खुदाओं भगवानों
मान भी लो
तुमने आज तक
उन गिरोहबंद मालिको को एक लिहाफ ही दिया हैं
धर्म के लिहाफ की आड़ में
खुद को सही साबित करते ये मालिक लोग,
आज भी,
किसी ताजा पैदा बच्चे की जात, धर्म तक नहीं बता पाते
मान भी लो प्रभु !
यही साबित करता हैं की तुम नहीं हो !

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