Saturday, September 20, 2014

हर माँ अपनी कोख से - निदा फ़ाज़ली

हर माँ
अपनी कोख से
अपने शौहर को जन्मा करती है..,

मैं भी जब
अपने कन्धों से
बूढ़े मलबे को ढो-ढो कर
थक जाउँगा...!


अपनी महबूबा के
कुँवारे गर्भ में
छुप कर सो जाऊँगा..!!

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