Sunday, April 27, 2014

तन के भूगोल से परे .......... - निर्मला पुतुल

तन के भूगोल से परे
एक स्त्री के
मन की गांठो को खोल कर
कभी पढ़ा है
उसके भीतर का खौलता इतिहास

घर प्रेम और जाति से अलग
एक स्त्री को उसकी अपनी जमीन
के बारे में बता सकते हो तुम
अगर नहीं
तो फिर जानते क्या हो तुम

रसोई और बिस्तर के गणित से परे
एक स्त्री के बारे में ................

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